http://p4poetry.com/wp-content/uploads/2012/04/aao-baithen-baat-karen.mp3
आओ बैठें बात करें
वो जो अपने साथ करे हैं
हम भी किसी के साथ करें.
वादे करना भी आता है
झूठ से बचपन का नाता है
गली, मोहल्ले, गाँव का नुक्कड़
खेतों से शुरुआत करें.
हम हों साहब बड़े सयाने
अन्दर क्या है – कौन है जाने?
पौलीस्टर की चड्ढी हो पर
खादी की बरसात करें.
अंतरतम का जितना क्षय हो
उससे ज्यादा धन संचय हो
स्वाभिमान की खाट बिछाकर
बात-चीत दिन रात करें.
वो जो अपने साथ करे हैं
हम भी किसी के साथ करें.